भोपाल
कोरोना वायरस से बचाव के लिए 21 दिन के लॉकडाउन के कारण बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं. नयी तारीखों का ऐलान कब होगा, इसका कोई अनुमान नहीं लगा पा रहा है. 10 वीं और 12 वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स परेशान हैं और वो लगातार हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रहे हैं. परीक्षा से संबंधित पहले जहां 300 कॉल रोज आते थे वो संख्या अब तीन गुना बढ़ गयी है.
10 वीं और 12 वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब अभी किसी के पास पास नहीं. कोरोना के कारण मामला ऐसा अटका कि न इधर के रहे न उधर के. परीक्षाएं स्थगित हैं और स्कूल बंद हैं. साल और करियर सब अटका हुआ है. जो बच्चे पहले परीक्षा का खौफ दूर करने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते थे वो अब परीक्षा के लिए ही परेशान हैं. रोज फोन करके पूछ रहे हैं कि परीक्षा कब होंगी. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन पर रोज सैकड़ों फोन आ रहे हैं. बोर्ड अफसरों के मुताबिक परीक्षा से पहले जहां स्टूडेंट्स के रोज़ाना 300 कॉल आते थे वो अब तीन गुना हो गए हैं. यानी रोजाना करीब एक हजार छात्र हेल्पलाइन पर फोन कर रहे हैं.
जनरल प्रमोशन की उम्मीद
माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहती है. छात्र-छात्राओं की सबसे ज़्यादा जिज्ञासा जनरल प्रमोशन को लेकर है. 10वीं और 12वीं के स्थगित हुए पेपर को लेकर वो सवाल कर रहे हैं कि आखिर नई तारीखें कब तय होंगी.क्या पहली से आठवीं कक्षा की तरह हमें भी जनरल प्रमोशन दिया जाएगा. क्या सारे पेपर फिर से होंगे या सिर्फ जो होना बाकी थे उन्हीं विषयों की परीक्षा ली जाएगी. कुछ छात्र पहले की ही तरह पेपर में गैप मिलने को लेकर सवाल कर रहे हैं. हेल्पलाइन के काउंसलर छात्रों के हर प्रश्न का जवाब देते हुए उन्हें स्थगित पेपर की तैयारी में जुटने की सलाह दे रहे हैं ताकि लॉकडाउन में मिले समय का सही उपयोग किया जा सके.
21 मार्च से पेपर स्थगित
10वीं औऱ 12वीं के स्थगित हुए पेपर लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद होने की संभावना है. एमपी बोर्ड 14 अप्रैल के बाद नई तारीखों की घोषणा कर सकता है. अभी 12वीं के बॉयोलॉजी, हायर मेथामेटिक्स, बॉयोटेक्नोलॉजी, रसायन शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल, बुक कीपिंग और अकाउंटेंसी के पेपर होना बाकी हैं. 10वीं कक्षा में विशिष्ट भाषा, द्वितीय औऱ तृतीय भाषा सामान्य हिंदी का पेपर होना बाकी है. स्थगित पेपर कराना और फिर समय पर रिजल्ट घोषित करने की चुनौती माध्यमिक शिक्षा मंडल के सामने है