भोपाल
कोरोना में एक दिन के सुकून के बाद रविवार को फिर पॉजिटिव मरीज सामने आए। रविवार को आई रिपोर्ट में 9 दिन की बच्ची सहित 27 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 216 हो गई है। हालांकि नवजात की रिपोर्ट को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति है। दरअसल रिपोर्ट में पता और नवजात की उम्र गलत होने पर परिजन रिपोर्ट से इंकार कर रहे हैं। यही नहीं रविवार को कोरोना के चार संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई। जांच के बाद इन मरीजों के शवों का परिजनों की मौजूदगी में प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहर में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 12 हो गई है, इनमें से छह संदिग्ध मरीज भी शामिल हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
रविवार को 475 मरीजों की जांच रिपोर्ट में 27 पॉजिटिव मिले हैं। इनमें साईं मंदिर के पास रहने वाली एक महिला की 09 दिन की बच्ची है। वहीं साईंबाबा नगर झुग्गी बस्ती में 11 साल के बच्चे सहित 4 लोग पॉजिटिव मिले हैं। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि शहर के संक्रमित क्षेत्रों से लगभग 4 हजार सेम्पल पिछले 4 दिनों में भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद दस फीसदी मरीज बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट एक दो दिन में आ जाएगी।
बारह घंटे में भी स्वास्थ्य विभाग यह तय नहीं कर पाया कि नौ दिन की बच्ची पॉजिटिव है या नहीं
कोरोना को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग लगातार लापरवाही कर रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग 12 घंटे में यह भी तय नहीं कर पाया कि नौ दिन की बच्ची वाकई पॉजीटिव है भी या नहीं। दरअसल प्रदेश में यह पहला मौका है जब नौ दिन की नवजात को कोरोना का संक्रमण हुआ हो। इतने संजीदा मामले में भी विभाग लापरवाही बरत रहा है। बच्ची के पिता रूपेश साहू का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। सिर्फ जिला प्रशासन के अधिकारियों का फोन आया था कि उनकी नौ माह की बच्ची कोरोना पॉजीटिव है। रूपेश ने बताया कि उनकी बेटी नौ माह नहीं नौ दिन की है। इस पर अधिकारियों ने घर के पते की जानकारी दी तो वह भी गलत निकली। ऐसे में अधिकारियों ने सही रिपोर्ट आने के बाद फोन करने की बात कही। शाम को करीब आठ बजे फिर अधिकारियों का फोन आया और कहा गया कि रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी हुई है। इसलिए बच्ची की जांच के लिए चिरायु ले जाना पड़ेगा। इसके करीब एक घंटे बाद एंबुलेंस से बच्ची और उसकी मां रचना साहू को चिरायु अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
सैंपलिंग नहीं कराई सीएमएचओ ने
यही नहीं बच्ची का जन्म सुल्तानिया अस्पताल में हुआ था। यहां डॉ.़ मेघा के पॉजिटिव आने के बाद इनके कॉन्टेक्ट में आने वाले मरीजों की लिस्ट बनाई गई थी। इसमें बच्ची का मां का नाम भी शामिल था। सुल्तानिया अस्पताल ने इसकी सूचना सीएमएचओ को दी थी लेकिन इसके बावजूद विभाग ने इनकी जांच के लिए संपर्क नहीं किया।
कोविड वार्ड में बच्ची के साथ रहेगी मां
जानकारी अनुसार बच्ची को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जुट गई है। उसे चिरायु अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि यहां कोविड वार्ड में बच्ची के साथ उसकी मां रचना को भी रखा जाएगा। ताकि यहां वह अपनी बच्ची को स्तनपान करा सके। हालांकि कोविड वार्ड में उसकी मां को खतरा बहुत है, लेकिन इसके सिवा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है।
एक एबुलेंस में कई मरीजों को ले गए
रुपेश ने बताया कि उनकी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव है। लेकिन उन्हें जिस एंबुलेंस में ले गए उसमें तीन और पॉजिटिव मरीज बैठे हुए थे। रूपेश का कहना है कि ऐसे में तो उनकी पत्नी भी पॉजिटिव हो जाएगी।
पिता की जागरुकता से खुला मामला
इस मामले में नौ दिन की बच्ची के पिता रूपेश साहू का कहना है कि उनके पास स्वास्थ्य विभाग से कोई फोन नहीं आया। अखबारों में सुलतानिया अस्पताल की डॉक्टर कोरोना संक्रमित मिली है। ऐसे में वह खुद ही अपनी और परिवार वालों की जांच कराने पहुंचे। रिपोर्ट में बच्ची पॉजीटिव जबकि माता पिता सहित घर के अन्य सदस्य निगेटिव बताए जा रहे हैं।