मध्यप्रदेश में एक हफ्ते में तीसरा मुख्य सचिव, इकबाल को मिली जिम्मेदारी

भोपाल


मध्य प्रदेश में अपने आप यह रिकार्ड है कि एक हफ्ते में तीसरा मुख्य सचिव मिला। एसआर मोहंती का सेवा काल पूरा होने से 15 दिन पहले ही कमलनाथ सरकार ने विदा होने से पहले उनकी जगह गोपाल रेड्डी को राज्य का मुख्य सचिव बनाया था। इस बीच कांग्रेस सरकार गिर गई और नई सरकार आते ही इकबाल सिंह बैंस को नया सीएस नियुक्त किया गया।



मध्यप्रदेश कॉडर में 1985 बैच के आईएएस अफसर एम. गोपाल रेड्डी मात्र आठ दिन प्रदेश के मुख्य सचिव रहने का मौका मिला। यह पांच दिन उनके लिए बेहद कठिन रहे। राजनीतिक उथल पुथल मची रही और राज्य में कोरोना वायरस का असर भी दिखा। इसके बचाव और उपाय के लिए इन्होंने सक्रियता बनाए रखी। राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एकाएक मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती को हटाकर उन्हें 16 मार्च को रात साढ़े नौ बजे मुख्य सचिव बनाने के आदेश हुए थे। उन्होंने लगभग रात दस बजे कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था।


बैंस का इकबाल बुलंद —


शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही इकबाल सिंह को मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके लिए छह अफसरों को सुपरसीड किया गया। इनमें 1984 बैच के अधिकारी एपी श्रीवास्तव और पीसी मीना, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ जयदीप गोविंद, राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर और 1985 बैच के अफसर प्रभांशु कमल शामिल हैं। प्रभांशु कमल को रेड्डी के मुख्य सचिव बनने के बाद मंत्रालय से बाहर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) का अध्यक्ष बनाकर पदस्थ किया जा चुका है।


कमलनाथ सरकार में बैंस को कर दिया था हाशिए पर —


बैंस कमल नाथ सरकार में पूरे वक्त हाशिए पर रहे और उन्हें कुछ दिनों पहले मंत्रालय से पूरी तरह हटाकर ग्वालियर राजस्व मंडल कार्यालय में अध्यक्ष बनाकर पदस्थ कर दिया था। वे दोपहर में मंत्रालय पहुंचे और मुख्य सचिव पद का दायित्व संभाल लिया। बैंस मुख्यमंत्री चौहान के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। वे उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। जब वे जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था