गैस पीड़ितों तक दवाई पहुंचा रहे कार्यकर्ता, जरूरी सलाह भी दे रहे

भोपाल 


राजधानी के गैस पीड़ितों के लिए भी सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं। गैस पीड़ित पूर्व से कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। लॉक डाउन में इनके साथ समस्या और बढ़ गई हैं। ऐसे समय में इन्हें अलग-अलग संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है।



इसमें सालों से गैस पीड़ितों की मदद करने वाला संभावना ट्रस्ट क्लीनिक भी शामिल है। ट्रस्ट के पदाधिकारी गैस पीड़ितों को घरों तक दवाईयां पहुंचा रहे हैं। साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर हाथ भी धुलवा जा रहे हैं। इसके लिए सैनिटाइजर को प्लास्टिक की बोतल व कुप्पियों में भरकर लटका देते हैं और उसे पांव से दबाकर आसानी से आम नागरिक निकालकर हाथ धो रहे हैं। घरेलू जुगाड़ के तहत ये उपाए किए जा रहे हैं। इसके अलावा आम नागरिकों को एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखने की सलाह भी दी जा रही है।



संभावना ट्रस्ट क्लीनिक की सामुदायिक शोध सहायक फरहत जहां, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता राजेश गौर, जागरूकता समिति की दीपा मंडराई ने बताया कि शहर के गैस पीड़ितों को कोरोना के संक्रमण का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कई गुना अधिक है क्योंकि ये गैस त्रासदी के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, किडनी, श्वास संबंधी रोगों से जूझ रहे हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक ऐसी बीमारियों से जूझने वाले मरीजों पर इस वायरस का अटैक पहले संभव है। ऐसे लाखों मरीज हैं। ऐसे मरीजों को घरों के अंदर ही रहने की सलाह दे रहे हैं। उनकी जरूरत की दवाईयां पहुंचाई जा रही है। लोगों को भ्रामक जानकारियों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं।



कार्यकर्ताओं ने बताया कि संकट की इस घड़ी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार और दानदाताओं के बीच समन्वय बनाकर उन्हें भोजन की व्यवस्था कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। साथ ही गैस पीड़ित बस्तियों में रहने वाले लोगों को सोशल नेटवर्किंग के तहत वाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा जाकर उनसे जानकारियां साझा की जा रही है, कोरोना वायरस के लक्षणों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन के बीच भी सेतू का काम किया जा रहा है।



कुलियों के सामने संकट, रेलकर्मियों ने बांटी खाद्य सामग्री
भोपाल रेल मंडल के टिकट चेकिंग कर्मचारियों द्वारा रविवार भोपाल रेलवे स्टेशन परिसर व आसपास के क्षेत्रों में जरूरत मंदों को खाद्य सामग्री बांटी गई। रेलकर्मियों ने कुलियों को खाद्य सामग्री बांटी है। बता दें कि ट्रेनों का परिचालन बंद होने के कारण कुलियों का रोजगार छिन गया है। ये कुली रोज कमाते थे और रोज खाद्य सामग्री खरीदकर परिवार चलाते थे। इनके सामने रोजी रोटी का संकट है। ऐसे में रेल कर्मियों ने इनकी मदद की है। वही इटारसी लोको शेड के कर्मचारियों ने स्टेशन पर गरीबों को भोजन कराया है।



4 सौ स्टेशन मास्टर देंगे तीन दिन का वेतन
भोपाल रेल मंडल में चार सौ स्टेशन मास्टर हैं। इन्होंने तीन महीने तक एक-एक दिन का वेतन कोरोना वायरस से निपटने के लिए देने का ऐलान किया है। इसकी पुष्टि भोपाल रेल मंडल के अरविंद कुमार जैन ने की है।



रेलवे गार्ड भी देंगे चार दिन का वेतन
कोरोना वायरस से निपटने के लिए रेलवे के गार्ड भी आगे आएं हैं। ये मालगाड़ी ट्रेनों को ऑपरेट करने में तो मदद कर ही रहे हैं। साथ ही इन्होंने दो महीने में चार दिन का वेतन देने की सहमति दी है। इसकी पुष्टि ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के जनरल सेके्रटरी एसपी सिंह ने दी है।