नगर निगमों और नगरीय निकायों के चुनाव में, पार्षद ही महापौर और अध्यक्ष का चयन करेंगे

 भोपाल
भोपाल नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद संभाग कमिश्नर को महापौर आलोक शर्मा की जगह नगर निगम का प्रशासक नियुक्त किया गया है। महापौर को एक महीने में सरकारी बंगले खाली करना होगा तथा वाहन तुरंत वापस करना होगा।



आलोक शर्मा भोपाल के ऐसे आखिरी महापौर होंगें, जो सीधे चुनाव के जरिए जीत कर आए थे। कांग्रेस सरकार ने नगर निगमों और नगरीय निकायों में अब महापौर और अध्यक्ष के चुनाव के नियमों में बदलाव कर दिए हैं। अब जो भी चुनाव होंगे, उनमें पार्षद ही महापौर का चयन करेंगे। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।



ऐसा पहली बार हुआ है कि परिषद का कार्यकाल समाप्त होने पर नगर निगम ने कोई औपचारिक विदाई समारोह आयोजित नहीं किया है। इसे कमलापति प्रतिमा को लेकर उठे विवाद से जोड़ा जा रहा है। बताया जाता है कि निगम प्रशासन ने एक होटल में भोज की योजना बनाई थी, लेकिन विवाद के बाद उच्चस्तर से इसके लिए मनाही हो गई। बता दें, निगम परिषद की बैठक चार महीनों से नहीं हुई। जनवरी में निगमायुक्त ने स्वच्छ सर्वे को लेकर बैठक आयोजित करने को कहा लेकिन यह भी टल गई।
45 दिन पहले जारी होगी अधिसूचना
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन तारीख से करीब 45 दिन पहले चुनाव की अधिसूचना जारी करेगी। इसके पहले आयोग कलेक्टरों से चुनाव तैयारियों के संबंध में फीडबैक लेगा। इस दौरान चुनाव आयोग को अगर लगता है कि कुछ जिलों में चुनाव की तैयारी पूरी तरह से नहीं हो पाई हैं, उन्हें आयोग समय भी देगा। इस प्रक्रिया में भी निर्वाचन निर्वाचन कार्यों में देरी लग सकती है।