नए उद्ययोग स्थापित करने वाले उद्ययोगपतियों को, विभाग देगा 15 दिनों में 40 तरहा की परमीशन : सीएम कमलनाथ

भोपाल


गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था के इस दौर में जब महंगाई अपने चरम पर है। ऐसे में किसी नये व्यापार या उद्योग की शुरुआत करना कोई आसान बात नहीं। फिर अब तक के सरकारी नियमों के अनुसार, किसी कारोबार की परमीशन लेना भी लोहे के चने चबाने समान है। ऐसे में सूबे की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में नए उद्योग खोलने की नीति को बैहद आसान करने का फैसला लिया है। बुधवार को कैबिनेट की अहम बैठक में कमलनाथ ने MP Time Bound Clearance Act को मंज़ूरी दे दी है। मध्य प्रदेश में रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस व्यवस्था को मंजूरी दी गई है। सरकार की ओर से इस फैसले को लेने के बाद मध्य प्रदेश देश का पहला सुलभ औद्योग खोलने वाला राज्य बन गया है।


10 विभागों को देनी होगी 40 तरह की परमीशन
कमलनाथ कैबिनेट के इस फैसले को मध्य प्रदेश में निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने वाला फैसला माना जा रहा है। कैबिनेट में मंजूर हुए नए नियम के तहत अब मध्य प्रदेश में 10 विभागों से संबंधित 40 तरह की सरकारी इजाज़त 1 से 15 दिनों के भीतर किसी भी हाल में मिल जाएंगी। इस ऑनलाइन प्रक्रिया के अनुसार अगर तय समय पर संबंधित विभाग द्वारा मंजूरी नहीं दी गई, तो पोर्टल अपने आप ही इसे मंजूर करके आगे बढ़ा देगा। यानी पहले की तरह अब मध्य प्रदेश में उद्योगों खोलने के लिए उद्योगपतियों को सरकारी विभागों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। ना ही मंज़ूरी के लिए फाइलें महीनों और सालों दफ्तर में अटकेंगी। काम के लिए एप्लाई करने वाले व्यक्ति को 15 दिन में विभाग से मंज़ूरी मिल सकेगी।
देर करने पर अधिकारी पर गिरेगी गाज
मध्य प्रदेश में लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के तहत देश में पहली बार निवेश करने वालों को 10 विभागों की 40 तरह की परमिशन और लायसेंस के लिए परमीशन देनी होगी। इन्हें अलग अलग केटेगरी में भी विभाजित किया गया है। संबंधित विभाग को इसमें से 25 लायसेंस 1 दिन में देने होंगे। 10 अनुमति और लायसेंस 7 दिन में और 5 इजाज़त 15 दिन में ऑनलाइन देनी होगी। कैबिनेट में ये भी तय किया गया कि, अगर संबंधितविभाग का अधिकारी समय सीमा में मंजूरी नहीं देता, तो उस अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर देकर पोर्टल आवेदन को खुद ब खुद तय समय में अप्रूव करके आवेदक को जारी कर देगा। वही, तय समय सीमा में काम न निपटाने पर संबंधित विभाग या अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी होगा। काम में गैर जिम्मेदारी सामने आने पर अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
देर करने पर होगी कार्रवाई
फिलहाल, इस व्यवस्था को उद्योग, लघु उद्योग (MSME), आईटी और पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों के लिए शुरु किया जाएगा। मध्य प्रदेश में जिसकी अपार संभावनाएं हैं। व्यवस्थाओं को सुलभ करने का उद्देश्य प्रदेश में रोजदार औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। स्वभाविक है कि, जिस जगह पर उद्योग होगा, वहां रोजगार स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। लोगों के रोजगार में बढ़ावा होगा। बता दें कि, अगले विधानसभा सत्र में इस अधिनियम को सदन में पेश किया जाएगा। अंतिम मुहर लगते ही invest पोर्टल को अपग्रेड किया जाएगा।