भोपाल
गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है। पद्म पुरस्कारों की इस सूची में भोपाल गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का भी है, जिन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए जीवन खपा देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2019 को निधन हो गया था। इससे पहले अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत मध्य प्रदेश सरकार का इंदिरा गांधी समाजसेवा पुरस्कार दिया गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार ने 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों और उससे प्रभावित लोगों के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे। उन्होंने गैस त्रासदी पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए। जब्बार भोपाल गैस पीड़िता महिला उद्योग संगठन के संयोजक थे। लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2019 को उनका भोपाल के निजी अस्पताल में निधन हो गया था। दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक आपदा भोपाल गैस त्रासदी में फेफड़े से जुड़ी समस्या का सामना भी उन्हें करना पड़ा था।
2300 महिलाओं को बनाया था आत्मनिर्भर
भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों की विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अब्दुल जब्बार ने काम किया। उन्होंने करीब 23 सौ महिलाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग दिलाई और विभिन्न सेक्टरों में रोजगार दिलाने का काम किया।
हादसे में 15 हजार लोगों की गई थी जान
2 और 3 दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को ये भयावह हादसा हुआ था। जब भोपाल की यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हो गया। इस रिसाव के समय ज्यादातर लोग सो रहे थे। इस जहरीले गैस की चपेट में आकर सैकड़ों लोगों की सोते हुए ही मौत हो गईथी और जो बचे उनके फेफड़े कमजोर हो गए थे, आंखें खराब हो गईं और भी कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे में 15000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।