- उत्तरप्रदेश
कुसुम तिवारी. हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी की मां. बेटे की हत्या हुई तो मां ने आरोप लगाने शुरू किए. पुलिस पर, प्रशासन पर, सरकार पर. सबको लगा कि मां हैं, नाराज़ हैं तो आरोप लगा रही हैं. इसलिए पुलिस लगी रही. अपना काम करती रही. गिरफ्तारियां कीं, कुछ लोगों को हिरासत में लिया, पूछताछ की और जांच अब भी चल रही है. वहीं कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलवाया गया. कुसुम तिवारी और उनका पूरा परिवार सीएम से मिलने के लिए सीतापुर से लखनऊ आया. मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात हुई, बात हुई. लेकिन इसके बाद जब कुसुम तिवारी वहां से बाहर निकलीं तो उनकी बात हुई इंडिया टुडे टीवी से. और जब बात हुई तो कुसुम तिवारी फट पड़ीं. सीएम योगी पर, यूपी पुलिस पर और प्रशासन के रवैये पर. ऐसे-ऐसे आरोप लगाए कि अगर उनमें से एक भी सच हैं, तो इससे बड़ा अपराध कुछ नहीं हो सकता.
कमलेश तिवारी की मां ने कहा-
”परिवार को जबरदस्ती सीतापुर से लखनऊ लाया गया और मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाई गई. पुलिस हमारे ऊपर लगातार दबाव डाल रही थी, जबकि किसी हिंदू के घर में अगर कोई मौत हो जाए, तो वो 13 दिनों तक कहीं भी आता-जाता नहीं है.”
करीब आधे घंटे तक सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद कमलेश तिवारी की मां, उनकी पत्नी और उनके तीन बेटे बाहर आए. बाहर आकर कुसुम तिवारी ने कहा-
”मुख्यमंत्री से मुलाकात संतोषजनक नहीं रही. हमारे ऊपर मुलाकात करने का बहुत दबाव था. अगर मेरे बेटे को न्याय नहीं मिला, तो हम तलवार उठा लेंगे.”
और ये पहली बार नहीं है, जब कुसुम तिवारी ने यूपी पुलिस, प्रशासन और सरकार के खिलाफ बयान दिया है. हत्या के तुरंत बाद कमलेश की मां ने कहा था-
”जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो कमलेश को हत्या की धमकी मिली थी. लेकिन उस वक्त कुछ नहीं हुआ. अब योगी सीएम बन गए तो मेरे बेटे की हत्या कर दी गई. अखिलेश सरकार में बेटे को सुरक्षा मिली थी, लेकिन योगी सरकार ने सुरक्षा हटा ली. ये हत्या बीजेपी के एक नेता शिवकुमार गुप्ता ने करवाई है, क्योंकि उसका मेरे बेटे से एक मंदिर की ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था.”
यूपी पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड का खुलासा करने का भी दावा किया है. लेकिन इंडिया टुडे टीवी से खास बातचीत में कुसुम तिवारी ने पुलिस की थ्योरी को खारिज़ करते हुए कहा-
”ये राज्य सरकार की गलती थी कि उसने मेरे बेटे की सुरक्षा हटा ली थी. अब प्रशासन कुछ नहीं कर सकता है. अब पुलिस कुछ बेगुनाहों की परेड करवाएगी और उन्हीं में से एक को पकड़कर कहेगी कि इसी ने मेरे बेटे की हत्या की है.”
योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कुसुम तिवारी ने कहा-
”अखिलेश सरकार में मेरे बेटे के पास 17 सुरक्षाकर्मी थे. जब योगी मुख्यमंत्री बने तो पहले तो सुरक्षा घटाकर आठ-नौ कर दी गई और फिर बाद में और घटाकर चार कर दी गई. उनमें दो हमेशा मेरे बेटे के साथ रहते थे. बेटा जहां भी जाता था, उसके साथ जाते थे, जबकि दो सुरक्षाकर्मी ऑफिस में रहते थे. हत्या के दिन चारों में से कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था.”

अब पुलिस वारदात के खुलासे का दावा कर रही है और घरवाले पुलिस पर ही आरोप लगा रहे हैं. हकीकत क्या है, जांच के बाद ही पता चल पाएगी, लेकिन कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी को अपने उस सवाल का जवाब अब भी नहीं मिल पाया है कि जब सुरक्षा में चार पुलिसकर्मी तैनात थे, तो वारदात के वक्त वो कहां चले गए थे. और रही बात यूपी पुलिस और योगी आदित्यनाथ पर आरोपों की, तो अपने अंतिम फेसबुक लाइव में कमलेश तिवारी ने भी सरकार पर ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए थे, जैसे अब उनकी मां कुसुम लगा रही हैं.