भोपाल
मध्य प्रदेश में किसान अब घर बैठे ही अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे। उन्हें मंडी जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही उनके पास मंडी जाकर फसल बेचने और समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने का विकल्प भी जारी रहेगा। व्यापारी लाइसेंस लेकर किसानों के घर पर जाकर या खेत पर उनकी फसल खरीद सकेंगे। ये सब संभव होगा मंडी अधिनियम में बदलाव के कारण।
मध्य प्रदेश में किसान अब घर बैठे ही अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे। उन्हें मंडी जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही उनके पास मंडी जाकर फसल बेचने और समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने का विकल्प भी जारी रहेगा। व्यापारी लाइसेंस लेकर किसानों के घर पर जाकर या खेत पर उनकी फसल खरीद सकेंगे। ये सब संभव होगा मंडी अधिनियम में बदलाव के कारण।
प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलवाने के लिए मंडी अधिनियम में अहम संशोधन किया है। संशोधन नियम लागू होने से अब पूरे प्रदेश के लिए एक लाइसेंस रहेगा. व्यापारी कहीं भी फसल खरीद सकेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में अब व्यवस्था भी लागू की गयी है। इसमें पूरे देश की मंडियों के दाम रहेंगे। इसका फायदा ये होगा कि किसान देश की किसी भी मंडी में जहां उनकी फसल का अधिक दाम मिले वहां सौदा कर पाएंगे।
ये हैं बदलाव
1.निजी क्षेत्रों में मंडी खोलने की व्यवस्था।
2.गोदामों, साइलो कोल्ड स्टोरेज को भी प्राइवेट मंडी घोषित किया जा सकेगा।
3. किसानों से मंडी के बाहर गांव स्तर पर फूड प्रोसेसर, निर्यातक, होलसेल विक्रेता और अंतिम उपयोगकर्ता सीधे फसल खरीद सकेंगे।
4. मंडी समितियों का निजी मंडियों के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
5. प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड से रेग्युलेटरी शक्तियों को अलग कर संचालक विपणन को दिया।
6. पूरे प्रदेश में एक ही लाइसेंस से व्यापारियों को व्यापार करने की सुविधा।
7.ट्रेनिंग की व्यवस्था।
15 अप्रैल से रबी फसल की खरीद शुरू
इससे पहले मध्य प्रदेश में लॉक डाउन के बीच 15 अप्रैल से रबी फसल की खरीद शुरू हो चुकी है। गेहूं की खरीद के बाद अब चना और मसूर की खरीद हो रही। कोरोना संक्रमण से बचाव के तमाम उपायों के बीच माल खरीदा जा रहा है. किसानों को सीमित संख्या में बुलाया जा रहा है। उन्हें एसएमएस से मंडी आने के लिए बुलावा भेजा जा रहा है। सोशल डिस्टेंस के साथ मंडी में सेनेटाइजर की भी व्यवस्था है।